एक लड़की आत्म-आनंद में लिप्त होती है, उसके हाथ उसके शरीर के हर इंच की खोज करते हैं। वह चंचलतापूर्वक अपने स्तनों को थप्पड़ मारती है, कमरे में गूंजती ध्वनि, जैसे ही वह चरमोत्कर्ष तक पहुंचती है। उसके स्वयं के चेहरे का दृश्य, जो उसके अपने सार में ढका हुआ है, उसे बेदम कर देता है।