दादाजी और उनकी 19 वर्षीय प्रेमिका भावुक प्रेम-प्रसंग में लिप्त हैं। रिया सुन्न की युवा ऊर्जा और दादाजी का अनुभव एक मनमोहक मुठभेड़ पैदा करता है। जब वे एक-दूसरे की इच्छाओं का पता लगाते हैं, तो उनकी केमिस्ट्री निर्विवाद है, और उनका समापन एक संतोषजनक चरमोत्कर्ष पर होता है।