अपनी सौतेली बहन को उसकी झपकी से झाड़ते हुए, मैंने उसे खुशी से नहला दिया, उसकी संवेदनशील सिलवटों पर मेरी रिहाई हुई। उसकी कराहें कमरे में गूंज रही थीं, एक संतुष्टि की सिम्फनी जिसने उसे जगा दिया। उसकी इच्छा का स्वाद, एक मीठा इनाम, हमारे अंतरंग संबंध को सील कर दिया।